आओ ज्ञान का दिया जलाएं
अंधकार को दूर भगाएं
सत्पुरुषों के पथ पर चलकर
सच्ची दीपावली मनाएं।
आओ ज्ञान का दिया जलाएं
वैर भाव को दूर भगाएं
सत्य अहिंसा मन में लायें
दया धर्म करुणा अपनाएं
ऐसी दीपावली मनाएं
- श्रीमती प्रीति जैन, जयपुर
इस ब्लॉग कों बनाने का उद्देश्य देश-समाज में एक अहिंसामय प्रदूषण मुक्त माहौल तैयार करना है...
बुधवार, 27 अक्टूबर 2010
यह मौज मस्ती है जानलेवा
बारूद पटाखे होते तो हैं निर्जीव
परन्तु ये छीन लेते हैं मासूमों से उनका जीव।
प्रत्येक वर्ष हर दिवाली निकलता है कई का दिवाला
क्योंकि भूल जाते हैं वे
कि यह मौज मस्ती है जानलेवा
- शिवांगी शर्मा, टेगोर पब्लिक स्कूल, जयपुर
परन्तु ये छीन लेते हैं मासूमों से उनका जीव।
प्रत्येक वर्ष हर दिवाली निकलता है कई का दिवाला
क्योंकि भूल जाते हैं वे
कि यह मौज मस्ती है जानलेवा
- शिवांगी शर्मा, टेगोर पब्लिक स्कूल, जयपुर
मन का रावण
दशहरा दीवाली हैं कितने पावन
पर हम मनाएं उसको बनके रावण
रावण के पुतले को तो जला दिया
पर भीतरी रावण को जगा दिया।
पर हम मनाएं उसको बनके रावण
रावण के पुतले को तो जला दिया
पर भीतरी रावण को जगा दिया।
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