अरे अरे ओ भोले मानव क्यों भूले अपना इतिहास।
उसमें सबका ही विकास है प्यारा गौरवमय इतिहास॥
जिसको हम विकास कह रहे वह तो निश्चित ही है ह्रास।
असली लक्ष्य से भटक चुके हम फिर कैसे हो सुख की आस॥
जव हम समझें खुद का वैभव तब ही होगा अमित विकास।
नया वर्ष शुभ मंगलमय हो और बुराई का हो नाश॥
उसमें सबका ही विकास है प्यारा गौरवमय इतिहास॥
जिसको हम विकास कह रहे वह तो निश्चित ही है ह्रास।
असली लक्ष्य से भटक चुके हम फिर कैसे हो सुख की आस॥
जव हम समझें खुद का वैभव तब ही होगा अमित विकास।
नया वर्ष शुभ मंगलमय हो और बुराई का हो नाश॥