भारतीय संस्कृति में सभी त्योहारों का एक ही उद्देश्य है कि सभी लोगों में भाईचारा बढ़े, लोग दान-पुण्य करें, समाज मेंपरोपकार की भावना में वृद्धि हो तथा इस अवसर पर विशेष पूजा एवं आराधना की जाये - इतने सब के बाद ही आताहै मनोरंजन का स्थान: लेकिन वह भी पूरी तरह से अहिंसक हो। कोई भी धर्म इस बात की अनुमति नहीं देता कि आपअपने मनोरंजन के लिए दूसरों को दुःख दें, पीड़ा पहुंचाएं। इस अवसर पर तो हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेंगे जिससे दूसरों को तकलीफ हो।
तभी हमारा त्यौहार सार्थक है।
तभी हमारा त्यौहार सार्थक है।
शुभ मकर संक्रांति
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