बुधवार, 5 जनवरी 2011

हमारी मदद को हैं हजारों हाथ पर इसके लिए...

ज़रा सोचिये, क्या हम साल भर इसलिए इन्हें दाना-पानी देते हैं?

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

daya daya sab koi kahe daya na jane koi,
jeev jati jane bina daya kaha se ho..